
सिरोही के रेवदर गांव के आयोजन में राजे का शायर सा अंदाज, चर्चा पूरे राज्य में
RNE Network.
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बयान इन दिनों खूब चर्चा पा रहे हैं। उसकी वजह है उनके बोलने का अंदाज। वे आजकल प्रतीकों में, इशारों में ही बहुत कुछ कहती है । लोग बाद में उनके बयान के मायने निकालते रहते हैं, अपने अपने अर्थ लगाते रहते हैं।
राजे कल सिरोही जिले के रेवदर गांव में थी। वहां एक धार्मिक आयोजन था। अंजनी माता मंदिर में यह आयोजन था। मंदिर के इस आयोजन में जालौर के भाजपा सांसद लुम्बाराम चौधरी ने वसुंधरा को तलवार भेंट की।
सभा में बोलते हुए वसुंधरा ने कहा कि राजनीति में मुझे 25 साल हो गये। बहुत सारे उतार – चढ़ाव आये। मगर आपका साथ ढाल बनकर सदा मेरे साथ खड़ा रहा। सिरोही वो जगह है, जहां तलवार बनती है। तलवार को किस तरह से म्यान में रखना है, वह भी सिरोही की जनता जानती है।
राजे का शायराना अंदाज:
रेवदर में अपने संबोधन में वसुंधरा राजे का अंदाज शायराना भी था।
उन्होंने कहा —
गमों की आंच पर आंसू उबालकर देखो,
बनेंगे रंग, किसी पर भी डालकर देखो,
तुम्हारे दिल की चुभन जरूर कम होगी,
किसी के पांव से कांटा निकालकर तो देखो
राजे ने तो ये शायरी पढ़ दी। रेवदर में बोली गयी राजे की इस शायरी के मायने जयपुर व दिल्ली के राजनीतिक हलकों में निकाला जा रहा है। खासकर भाजपा के नेता अपने तरीके से इसका अर्थ निकालने में लगे हैं।